Tuesday, March 16, 2021

रूह का ज़र्रा ज़र्रा रोया था तुम्हारी बेरुखी पर तुम्हें मालूम नहीं चला , ये मेरी खूबी थी ...

रूह का ज़र्रा ज़र्रा रोया था तुम्हारी बेरुखी पर
तुम्हें मालूम नहीं चला , ये मेरी खूबी थी ...



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